दिल्ली के गीता कॉलोनी के खादर इलाके में आठ साल का समीर रहता था. यमुना का जलस्तर बढ़ने के बाद समीर ने अपने माता पिता के साथ गीता कॉलोनी फ्लाईओवर पर बने टेंट में शरण ली, लेकिन नियती ने यहां भी उसके साथ बहुत अच्छा नहीं किया. फ्लाईओवर पर बने टेंट में लगे कील से उसके पैर में जख्म हो गया. फौरन उसे अस्थाई स्वास्थ्य शिविर में ले जाया गया, जहां उसके पैर से कील निकालकर उसका इलाज किया गया.
देश की राजधानी दिल्ली में यमुना से सटे कई इलाकों में पानी भरने के बाद बाढ़ जैसे हालात पैदा हुए. इन इलाकों में पानी के घटने के साथ ही कई तरह की नई परेशानी शुरू हो गई है. लोगों के बीच जल जनित बीमारी काफी देखने को मिल रही हैं. इंडियन मेडिकल एसोशिएशन (आईएमए) के पूर्व सचिव वित्त विभाग डॉ अनिल गोयल ने बताया कि वाटर बांड और मॉस्किटो बांड बीमारियां काफी तेजी से फैल रही हैं, जिसको रोकना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि लोग बीमार तो हो रहे हैं, लेकिन अभी तक किसी को भी अस्पताल में एडमिट कराने की नौबत नहीं आई है.
लूज मोशन की सबसे अधिक शिकायत
डॉ अनिल गोयल ने बताया कि यमुना खादर के इलाके में रहने वाले अधिकतर लोगों में लूज मोशन की शिकायत देखने को मिल रही है. उन्होंने कहा कि इसकी बड़ी वजह गंदे पानी का पीने के तौर पर इस्तेमाल करना है. गंदा पानी पीने से पेट खराब हो रहा है और लोग लूज मोशन के शिकार हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि बड़ी संख्या में ओआरएस के पाउडर और कुछ दवाइयों की जरूरत है जिन्हें यहां के लोगों को दिया जा रहा है. दूषित जल से हेपेटाइटिस और टाइफाइड जैसी बीमारी का भी लोग शिकार हो सकते हैं.
ठहरे हुए पानी से परेशानी
पिछले कुछ दिनों से यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा था. शनिवार अलसुबह से इस जलस्तर में कमी देखने को मिली है. ऐसे में यमुना किनारे के कई ऐसे इलाके हैं, जहां पानी बड़ी तादात में जमा हो गया है. इन इलाकों में मॉस्किटो बांड बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. जरूरत है समय रहते यहां पर सही तरीके से फॉगिंग करवाया जाए जिससे कि मच्छर को पनपने से रोका जा सके. मच्छरों के काटने से बहुत सारी बीमारी हो सकती है.
बाढ़ पीड़ितों के लिए ये करना जरूरी
डॉ अनिल गोयल ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों के लिए सबसे अधिक जरूरी है रात को सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें. ऐसे में मॉस्किटो बांड डिजिज से बच सकते हैं. आने वाले दिनों में मलेरिया के केस बढ़ने के भी आसार हैं, खासकर उन इलाकों में जहां पानी का ठहराव हुआ है. इसके साथ ही येलो फीवर, हैजा जैसी बीमारी का भी फैलने का खतरा काफी अधिक है.